दिक्विन्यास सही होने पर पंचतत्त्व और पारिस्थितिक अनुकूलन स्वयं सध जाते हैं।
2.
पड़ना भी चाहिए क्योंकि ये स्थानीय आवश्यकताएं हैं उनकी.... पारिस्थितिक अनुकूलन के लिए स्थानीय साधनों...
3.
सामान्यतः यह पारिस्थितिक अनुकूलन ही, किसी भी व्यक्ति की, उसके व्यक्तित्व की पहचान बन जाता है।
4.
व्यापक अर्थ में देशीकरण पारिस्थितिक अनुकूलन ही है, किंतु सीमित अर्थ में देशीकरण का तात्पर्य उस क्रिया से है जिसके द्वारा जीवधारी का, अपने ही अथवा अन्य प्रदेश में, इस प्रकार परिवर्तन किया जाता है जिससे वह वहाँ की जलवायु की नई दशाओं को सहन करने की क्षमता प्राप्त कर ले और वहाँ के अनुकूल बन जाए।